देश में वक्फ का नया कानून लागू, पश्चिम बंगाल में भड़का विरोध
1. हिंसक प्रदर्शन में गाड़ियों को किया आग के हवाले, पुलिस ने लाठीचार्ज कर छोड़े आंसू गैस के गोले
देश में वक्फ से जुड़े नए कानून के लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल में इसका तेज विरोध शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल के कई शहरों में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया, जो देखते ही देखते हिंसक झड़पों में बदल गया। कोलकाता, हावड़ा, मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शकारियों ने पथराव शुरू कर दिया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। कोलकाता के एक प्रमुख चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने बसों और पुलिस की गाड़ियों को फूंक दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। वक्फ संशोधन बिल मंगलवार से लागू हो चुका है। यह बिल दो अप्रैल को लोकसभा, तीन अप्रैल को राज्यसभा और पांच अप्रैल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया है। मगर, बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 12 याचिकाएं दाखिल हो चुकीं हैं, तो वहीं 11 अप्रैल से आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश में विरोध प्रदर्शन की बात कही है।
क्या है वक्फ का नया कानून?
केंद्र सरकार ने हाल ही में पारित वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के तहत वक्फ संपत्तियों की निगरानी, हस्तांतरण और उनके उपयोग को लेकर कई नई शर्तें और प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके अंतर्गत सरकार को यह अधिकार मिल गया है कि वह किसी भी वक्फ संपत्ति की जांच, अधिग्रहण या उपयोग में बदलाव कर सकती है। कई मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक दलों ने इसे अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।
विरोध की बड़ी वजह
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह कानून वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म करता है और इससे मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों और अन्य धार्मिक स्थलों की संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यह कानून धार्मिक आज़ादी और अल्पसंख्यकों की संपत्ति के अधिकारों पर सीधा हमला है।
सरकार की सफाई
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि “नया कानून पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। इससे वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग पर लगाम लगेगी और आम जनता को उसका सही लाभ मिलेगा। इसका उद्देश्य किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है।”
राजनीतिक घमासान शुरू
इस मुद्दे पर अब राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों को दबाने का आरोप लगाया है।
जानें क्या बोलीं टीएमसी नेता ममता बनर्जी
उन्होंने कहा कि “यह कानून केंद्र की तानाशाही सोच को दर्शाता है, हम इसे बंगाल में लागू नहीं होने देंगे।” फिलहाल पश्चिम बंगाल के कई संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। इंटरनेट सेवा पर भी आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है। पुलिस का कहना है कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है, लेकिन कुछ इलाकों में तनाव बना हुआ है।
Comments (0)