पशु चिकित्सक बेजुबान जानवरों के दर्द और भाषा समझते हैं: डॉ. तरुण श्रीधर

आईवीआरआई के तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव में खेलकूद प्रतियोगिताएं और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ दूसरे दिन का समापन हुआ। संस्थान के विवेकानंद सभागार में पूर्व सचिव मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय डॉ. तरुण श्रीधर ने पशु चिकित्सा पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए।

पशु चिकित्सक बेजुबान जानवरों के दर्द और भाषा समझते हैं: डॉ. तरुण श्रीधर

बरेली। आईवीआरआई के तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव में खेलकूद प्रतियोगिताएं और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ दूसरे दिन का समापन हुआ। संस्थान के विवेकानंद सभागार में पूर्व सचिव मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय डॉ. तरुण श्रीधर ने पशु चिकित्सा पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। उन्होंने एंटीबायोटिक प्रतिरोध समस्या के समाधान के लिए वन हेल्थ कार्यक्रम के उचित कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी। पशु चिकित्सक न केवल पशुओं का इलाज करते हैं वरन अंतर्दृष्टि के संचारक भी है।

उन्होंने कहा की पशु चिकित्सक बेजुबान जानवरों के दर्द और उनकी भाषा को भी अच्छी तरह समझते हैं। भारत में पशु स्वास्थ्य की वैज्ञानिक विरासत और सार्वभौमिक रूप से यह भी स्वीकार किया गया है की पशु स्वास्थ्य का अर्थ मानव स्वास्थ्य है। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि हम धार्मिक होने के साथ-साथ तर्कसंगत होंगे तभी सर्वांगीण विकास का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉक्टर त्रिवेणी दत्त ने कहा कि संस्थान को एशिया का गौरवमयी ऐतिहासिक संस्थान बनाने में पूर्व निदेशकों के साथ ही साथ वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

उन्होंने सभी को बधाई देते हुए कहा कि संस्थान में 6 संयुक्त निदेशालय, दो क्षेत्रीय प्रमुख केंद्र और 19 शोध विभाग पशुधन की सेवा में लगे हुए हैं।  डेट संस्थान के वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन विभिन्न छात्र-छात्राओं ने अपने प्रदेशों के प्रसिद्ध स्वादिष्ट व्यंजनों को तैयार किया। जिसका दर्शकों ने लुत्फ उठाया। तमिलनाडु, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। खेल के मैदान में विद्यार्थियों और स्टाफ ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।